जितना तेज चमकना आपकी नियति रही है, यदि आप उतनी तेजी से नहीं चमक सकते, तो आप न केवल खुदके साथ विश्वासघात करते हैं, बल्कि इस दुनिया को उससे कमतर छोड़ देते हैं, जितनी यह हो सकती थी ।
Robin S. Sharma
जितना तेज चमकना आपकी नियति रही है, यदि आप उतनी तेजी से नहीं चमक सकते, तो आप न केवल खुदके साथ विश्वासघात करते हैं, बल्कि इस दुनिया को उससे कमतर छोड़ देते हैं, जितनी यह हो सकती थी ।