अपने आप से सख्ती करना वास्तव में अधिक प्रेम की भावना है। खुद से सख्ती करके आप स्वैच्छिक रुप से जीवन व्यतीत करेंगे। आप अपना जीवन अपनी बनाई हुई शर्तों पर जिएंगे और उस पत्ते की तरह प्रतिक्रिया नहीं करेंगे जो बहते पानी और हवा की दिशा का रुख ले लेता है।
Robin S. Sharma
अपने आप से सख्ती करना वास्तव में अधिक प्रेम की भावना है। खुद से सख्ती करके आप स्वैच्छिक रुप से जीवन व्यतीत करेंगे। आप अपना जीवन अपनी बनाई हुई शर्तों पर जिएंगे और उस पत्ते की तरह प्रतिक्रिया नहीं करेंगे जो बहते पानी और हवा की दिशा का रुख ले लेता है।